कश्मीर पर आधा सच दिखाती अनुपम खेर की फिल्म : भावुकता में छिपी चालाकी
Posted:Sat, 23 Jan 2016 16:57:17 +0000
मनुस्मति तांडव के चपेट में देश! फासिज्म के कारोबार को दलितों का मामला कौन बना रहा है?
Posted:Sat, 23 Jan 2016 16:28:21 +0000
मायावती हैदराबाद क्यों नहीं गयीॆ?
Posted:Sat, 23 Jan 2016 16:05:45 +0000
संघियों का असली चेहरा दलित-पिछड़ा विरोधी है, वह सामने आ रहा है
Posted:Sat, 23 Jan 2016 15:32:21 +0000
रिहाई मंच ने मोदी गो बैक का नारा लगाने वाले छात्रों को किया सम्मानित
Posted:Sat, 23 Jan 2016 15:12:08 +0000
कामरेड रोहिथ वेमुला चक्रवर्ती की विरासत अमर रहे
Posted:Sat, 23 Jan 2016 14:53:34 +0000
” मोदी गो बैक ” नारा लगाने वाले छात्रों को रिहाई मंच करेगा सम्मानित
Posted:Fri, 22 Jan 2016 16:01:48 +0000
सीवर में मौत का जिम्मेदार कौन?
Posted:Fri, 22 Jan 2016 15:28:20 +0000
लखनऊ में मोदी गोबैक के नारों के साथ छात्रों ने किया मोदी का स्वागत
Posted:Fri, 22 Jan 2016 14:29:37 +0000
गंगोत्री से आई एक बूंद भी प्रयाग नहीं पहुंचती- स्वामी सानंद
Posted:Fri, 22 Jan 2016 14:09:48 +0000
Saturday 23 January 2016
कश्मीर पर आधा सच दिखाती अनुपम खेर की फिल्म : भावुकता में छिपी चालाकी
Wednesday 4 November 2015
'विजयवर्गीय भारत छोड़ो', #KailashVijayvargiyaLeaveIndia
आतंकवादी गोडसे के भक्त शाहरुख को पाकिस्तान जाने की नसीहत दे रहे!
नई दिल्ली। देश में बढ़ती असहिष्णुता की बहस के बीच कांग्रेस ने भाजपा की संवैधानिक निष्ठा पर सवाल उठाया है तो शाहरुख को पाकिस्तान जाने की नसीहत देने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से सोशल मीडिया पर भारत छोड़ने को कहा जा रहा है। .... Read More...
'विजयवर्गीय भारत छोड़ो', #KailashVijayvargiyaLeaveIndia
Monday 31 March 2014
बिरसा मुंडा की तरह हम सभी मार दिये जायेंगे क्योंकि लकड़बग्घा तुम्हारे घर के करीब आ गया है | HASTAKSHEP
खेलों में जो मुक्त बाजार का खेल है, वह आइकोनिक अर्थव्यवस्था की पृष्ठभूमि है। विज्ञापनी सितारे अब चुनाव के सबसे जीतने वाले काबिल उम्मीदवार हैं। यह संकट कितना घनघोर है कि चंडीगढ़ में किरण खेर और गुल पनाग का मुकाबला है तो मेरठ में मोहसिना किदवई के संसदीय विकल्प बतौर प्रस्तुत हैं नगमा। बंगाल में तो सितारे ही चुनाव मैदान में हैं और उनके रोड शो में फैनी तूफान में बायोमेट्रिक डिजिटल नागरिकता निष्णात है।......पूरा पढ़ें
बिरसा मुंडा की तरह हम सभी मार दिये जायेंगे क्योंकि लकड़बग्घा तुम्हारे घर के करीब आ गया है | HASTAKSHEP
Friday 28 March 2014
मोदी को पहले राउण्ड में ही निपटा दिया अध्यक्ष जी ने | HASTAKSHEP
अब तक घोषित उम्मीदवारों में से 23 ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दे दिये गये जो अपना दल बदल कर पार्टी में शामिल हुए। यही नहीं कुछ तो ऐसे प्रत्याशी थे जो पिछले लंबे समय से मोदी और पार्टी को हत्यारा तक कहते रहते थे। कार्यकर्ता हैरान थे कि आखिर जो लोग सालों तक भाजपा को कोसते रहे वह 24 घंटे में आखिर टिकट पाने में कैसे कामयाब हो गये?.......Read More on
मोदी को पहले राउण्ड में ही निपटा दिया अध्यक्ष जी ने | HASTAKSHEP
मोदी को पहले राउण्ड में ही निपटा दिया अध्यक्ष जी ने | HASTAKSHEP
Wednesday 26 March 2014
बनारस : ताकि मोदी भी जीत जाए और मुसलमानों का वोट भी मिल जाए! | HASTAKSHEP
‘आप’ भी मुसलमानों का वोट लेकर भाजपा के साथ सरकार बना सकती है। ‘आप’ के एक धर्मनिरपेक्ष नेता प्रशांत भूषण दिल्ली में कांग्रेस के बजाय भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने की वकालत कर चुके हैं। साथ ही, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) को भ्रष्ट बताने का ‘उच्च विचार’ भी उन्होंने व्यक्त किया है। एक अन्य धर्मनिरपेक्ष नेता योगेंद्र यादव ने सीपीएम को अवसरवादी बताते बताते हुए उसके साथ किसी तरह के गठबंधन से इंकार किया है। ......Read More
बनारस : ताकि मोदी भी जीत जाए और मुसलमानों का वोट भी मिल जाए! | HASTAKSHEP
Tuesday 25 March 2014
Promoters of Biometric aadhaar and NPR emerged as killers of privacy unlike heroes like Julian Assange, Edward Snowden and Bradley Manning | HASTAKSHEP
Human body came under assault as a result of forced vasectomy of thousands of men under the notorious family planning initiative of Sanjay Gandhi. Nilekani and his ilk have acted worse than Sanjay Gandhi in putting Indians’ body under the assault of biometric surveillance........Read MorePromoters of Biometric aadhaar and NPR emerged as killers of privacy unlike heroes like Julian Assange, Edward Snowden and Bradley Manning | HASTAKSHEP
Monday 3 March 2014
सत्ता का चुंबन बेहद आत्मघाती होता है।
दो दलीय अमेरिका परस्त कॉरपोरेट बंदोबस्त अस्मिताओं का महाश्मशान!
जिनके प्राण भँवर ईवीएममध्ये बसै, उनन से काहे को बदलाव की आस कीजै?
परिवार, निजी सम्बंधों, समाज, राजनीति और राष्ट्रव्यवस्था में सारा कुछ एकपक्षीय है सांस्कृतिक विविधता और वैचित्र्य के बावजूद। हम चरित्र से मूर्ति पूजक बुतपरस्त लोग हैं। हम राजनीति करते हैं तो दूल्हे के आगे पीछे बंदर करतब करते रहते हैं। साहित्य, कला और संस्कृति में सोंदर्यबोध का निर्मायक तत्व व्यक्तिवाद है, वंशवाद है, नस्लवाद है, जाति वर्चस्व है। हमारा इतिहास बोध व्यक्ति केंद्रित सन तारीख सीमाबद्ध है।......Read More on
लोकतंत्र के नाम पर लोकतंत्र का छद्म ही जी रहे हैं हम
http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6/2014/03/03/%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AE-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%A4%E0%A4%82%E0%A4%A4
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