Wednesday 12 April 2017

जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी

जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी: जब अमेरिका डरता है,  किसी भी घर की शांति गुम हो जाती है. जब अमेरिका डरता है, अँधेरे में बहती हवा संदिग्ध बन जाती है.

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जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी

दरोगाजी ने नाम पूछा, फिर बोले साले मुसलमान हैं, कटुआ हैं, साले गाय काटते हैं, मारो सालों को

दरोगाजी ने नाम पूछा, फिर बोले साले मुसलमान हैं, कटुआ हैं, साले गाय काटते हैं, मारो सालों को

योगी के मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश की पुलिस बजरंगदल-हिंदू युवा वाहिनी की तरह व्यवहार करने लगी है। जिससे पुलिस की अपनी विश्वसनियता ही खतरे में पड़ गई है।...

सुरंग तो खुल गई पर किस्मत नहीं

सुरंग तो खुल गई पर किस्मत नहीं

एशिया की सबसे लंबी सुरंग राष्ट्र के नाम समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री कहते हैं कि
"एक तरफ कुछ भटके हुए नौजवान पत्थर मारने में लगे हुए हैं तो दूसरी तरफ उसी कश्मीर के युवा पत्थर काटकर कश्मीर की किस्मत बदलने में व्यस्त हैं"।
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सुरंग तो खुल गई पर किस्मत नहीं

Sunday 9 April 2017

अत्याचार जब बढ़ता है तो मजलूमों एकता बढ़ती हैः मौलाना सज्जाद नोमानी

हिन्दू युवा वाहिनी की लठैत बन गयी है यूपी
पुलिस
,
सरकार के संरक्षण में हो रहे ईसाइयों पर हमले
रिहाई मंच
क्या दलाई लामा बदल चुके हैं? तिब्बत आंदोलन
में सीआईए को अब दिलचस्पी क्यों नहीं
?
समझें सीरिया पर अमरीकी हमले के समर्थक उनका
नंबर भी आने वाला है - हसन रुहानी
सीरिया पर हमले के बाद रूस और अमरीका
आमने-सामने
,
अमरीका पर आईएस की मदद का आरोप
सीरिया की हवाई छावनी पर अमेरिका के मिज़ाइल
हमले के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग
हिन्दू युवा वाहिनी की लठैत बन गयी है यूपी
पुलिस
,
सरकार के संरक्षण में हो रहे ईसाइयों पर हमले
रिहाई मंच
मिलिए 13 साल के पाकिस्तानी हैकर से, गूगल-माइक्रोसॉफ्ट
जैसी बड़ी कंपनियां लेती हैं इसकी मदद
पाकिस्तान में गिरफ्तार हुई थीं सारा खान ?
ऐसा लगता है कि पुरुष केन्द्रित समाज और सिनेमा
में अब कुछ महिलाएँ सेंध मार रही हैं और सेंध मारने के नियम को भी तोड़ रही हैं।.
नई स्वास्थ्य नीति : स्वास्थ्य सेवाओं को
कॉरपोरेट घरानों को बेचने की साजिश
मोदी का नया भारत : कितना नया, कितना
पुराना और कितना जुमला
शेक्सपीअर ट्वेल्थ नाइट के कथापात्र अब भारत
में निर्णायक भूमिका में हैं
गाय के बराबर अधिकार तो मिलें, नागरिक-मानवाधिकार
हों या न हों ! गोभक्तों में तब्दील है पूरा देश
अत्याचार जब बढ़ता है तो मजलूमों एकता बढ़ती
हैः मौलाना सज्जाद नोमानी
जो भारत सारे जहां से अच्छा था, जिस
लोकतंत्र पर हमें नाज़ था आज वह भारत टूटता हुआ दिख रहा है।