Tuesday, 31 December 2013

सुशासन का मुखौटा ओढ़े आतंक-राज

आपका बिहार में स्वागत है!

प्रतिदिन के औसतन 10 हत्याएं बिहार में हो रही हैं

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सुशासन का मुखौटा ओढ़े आतंक-राज

Sunday, 29 December 2013

बहुरूपिये मजमेबाजों का जीवन कभी भी लम्बा नहीं रहा राजनीति

 ये हजारों आदर्शवादी नौजवानों को छल रहे हैं। ये उस मेहनतकश आबादी को छल रहे हैं जो कांग्रेस-भाजपा इत्यादि को बखूबी पहचानती है। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि पतित पूँजीवादी व्यवस्था के जीवन को लम्बा खींचा जा सके।...Read More

बहुरूपिये मजमेबाजों का जीवन कभी भी लम्बा नहीं रहा राजनीति

सरकारों का एनजीओकरण

नागरिक समाज में जो सीधे कारपोरेट पूंजीवाद के समर्थक हैं उनका कारपोरेट राजनीति के साथ होना स्वाभाविक है। लेकिन अपने को राजनीतिक समझ से लैस मानने वाले परिवर्तन की राजनीति के पक्षधर बुद्धिजीवी और राजनीतिक-सामाजिक नेता-कार्यकर्ता भी आप’ को विकल्प मान रहे हैं। 

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सरकारों का एनजीओकरण

Wednesday, 25 December 2013

नरेंद्र मोदी से ज्यादा खतरनाक साबित होंगे केजरीवाल

नरेंद्र मोदी से ज्यादा खतरनाक साबित होंगे केजरीवाल

अब हालत यह है कि धर्मनिरपेक्षता बनाम स्त्री विमर्श का गृहयुद्ध लगातार तेज होता जा रहा है। रोज नये मोर्चे खुल रहे हैं। जमकर सभी पक्षों से गोलंदाजी हो रही है। लेकिन कॉरपोरेट धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्रवाद के मुकाबले कोई मोर्चा बन ही नहीं रहा है। हम दरअसल किसका हित साध रहे हैं, यह समझने को भी कोई तैयार नहीं है।
ह भय और आतंक इस लोकतांत्रिक बंदोबस्त के लिये सबसे ज्यादा खतरनाक है।
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http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/views/2013/12/25/%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%BE-%E0%A4%96%E0%A4%A4

 

Wednesday, 4 December 2013

और भी गम हैं जमाने में- यौन-विमर्श के सिवाय !!!

 किसी तथाकथित विक्टिम या यौन पीड़िता के पक्ष में और किसी खास तथाकथित रेपिस्ट के विरोध में नेताओं की बयानबाजी भी राजनैतिक प्रतिबद्धता के अनुरूप हो रही है। उनके लिये यह ‘यौन-विमर्श‘ भी राजनैतिक रूप से फायदेमंद हो सकता है किन्तु देश और समाज का कुछ भी भला नहीं कर सकता !......Read More on

और भी गम हैं जमाने में- यौन-विमर्श के सिवाय !!!


Friday, 22 November 2013

Wednesday, 20 November 2013

कारपोरेट घरानों के लिए राजनीति कर रही हैं कांग्रेस, भाजपा एवं आप

 कांग्रेस, भाजपा एवं आम आदमी पार्टी एक ही सिक्के के पहलू है। इन दलों की नीतियां भारतीय जनता नहीं बल्कि अमेरिका एवं विश्व बैंक तय करती है। जातिवाद, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद एवं कारपोरेटवाद इनके हथियार है।-जस्टिस राजेन्दर सच्चर

Monday, 11 November 2013

लेखक को हर हाल में सच का साथ देना चाहिए- फहमीदा रियाज़

फहमीदा जी से बात करना पाकिस्तान के दुखद वर्तमान के सफ़र पर जाने जैसा है। अपने देश से प्यार उनकी रगों में बहता है। पाकिस्तान की जो खतरनाक तस्वीर हिन्दुस्तान में दिखाई जाती है दरअसल वह वैसा भी नहीं है। वह अपने ज़ख्मों से कराहता एक देश है। आप उनसे कोई भी सवाल कीजिये बात घूम फिर कर पाकिस्तान की बदहाली के राजनीतिक कारणों पर लौट आती है।
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लेखक को हर हाल में सच का साथ देना चाहिए- फहमीदा रियाज़

Tuesday, 5 November 2013

कोसंबी पर भगवा हमला

भगवान सिंह की यह पुस्तक अजूबों से भरी है। पुस्तक के शीर्षक में भी और पुस्तक के भीतर भी कोसंबी का पूरा नाम तक नहीं दिया गया है। तेरहवें पृष्ठ पर जब अचानक आचार्य कोसंबी का ज़िक्र आता है तो पाठक चौंक जाता है। कुछ वाक्यों के बाद धर्मानंद का उल्लेख होता है और अगले पृष्ठ पर यह कि “आचार्य जी अपने साथ दामोदर धर्मानंद को भी” अमेरिका ले गए थे। अब यह समझना पाठक की ज़िम्मेदारी है कि आचार्य कोसंबी ही धर्मानंद हैं.....
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कोसंबी पर भगवा हमला


http://www.hastakshep.com/hindi-literature/book-review/2013/11/05/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A5%80-%E0%A4%AA%E0%A4%B0-%E0%A4%AD%E0%A4%97%E0%A4%B5%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%BE

विक्टिमहुड मानसिकता से निकालना होगा मुसलमानों को

दंगों की राजनीति समझने के लिए एक बेहतरीन आलेख
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अगर हमारा लोकतंत्र सचमुच साम्प्रदायिकता से लड़ना चाहता है तो उसकी अदालतों को इन सच्चाईयों को स्वीकार करना ही होगा कि 1984 में सिख मारे गए, कंधमाल में इसाई मारे गए, 1993 और 2002 में मुसलमान मारे गए और हमलावर हमेशा संघ परिवार के प्रभाव वाले साम्प्रदायिक हिंदू थे, जिन्हें सहिष्णुता आधारित धर्मनिरपेक्षता में यकीन रखने वाले आम हिंदुओं की खामोश हिमायत प्राप्त थी। यह स्वीकारोक्ति (डायग्नोसिस) साम्प्रदायिकता के खिलाफ ईमानदार लड़ाई के लिए सबसे निर्णायक है।

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विक्टिमहुड मानसिकता से निकालना होगा मुसलमानों को

http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/बहस/2013/11/05/विक्टिमहुड-मानसिकता-से-न