Showing posts with label Kejriwal. Show all posts
Showing posts with label Kejriwal. Show all posts

Sunday, 29 December 2013

बहुरूपिये मजमेबाजों का जीवन कभी भी लम्बा नहीं रहा राजनीति

 ये हजारों आदर्शवादी नौजवानों को छल रहे हैं। ये उस मेहनतकश आबादी को छल रहे हैं जो कांग्रेस-भाजपा इत्यादि को बखूबी पहचानती है। वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं कि पतित पूँजीवादी व्यवस्था के जीवन को लम्बा खींचा जा सके।...Read More

बहुरूपिये मजमेबाजों का जीवन कभी भी लम्बा नहीं रहा राजनीति

सरकारों का एनजीओकरण

नागरिक समाज में जो सीधे कारपोरेट पूंजीवाद के समर्थक हैं उनका कारपोरेट राजनीति के साथ होना स्वाभाविक है। लेकिन अपने को राजनीतिक समझ से लैस मानने वाले परिवर्तन की राजनीति के पक्षधर बुद्धिजीवी और राजनीतिक-सामाजिक नेता-कार्यकर्ता भी आप’ को विकल्प मान रहे हैं। 

Read More on

सरकारों का एनजीओकरण

Wednesday, 25 December 2013

नरेंद्र मोदी से ज्यादा खतरनाक साबित होंगे केजरीवाल

नरेंद्र मोदी से ज्यादा खतरनाक साबित होंगे केजरीवाल

अब हालत यह है कि धर्मनिरपेक्षता बनाम स्त्री विमर्श का गृहयुद्ध लगातार तेज होता जा रहा है। रोज नये मोर्चे खुल रहे हैं। जमकर सभी पक्षों से गोलंदाजी हो रही है। लेकिन कॉरपोरेट धर्मोन्मादी सैन्य राष्ट्रवाद के मुकाबले कोई मोर्चा बन ही नहीं रहा है। हम दरअसल किसका हित साध रहे हैं, यह समझने को भी कोई तैयार नहीं है।
ह भय और आतंक इस लोकतांत्रिक बंदोबस्त के लिये सबसे ज्यादा खतरनाक है।
Read More on
http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/views/2013/12/25/%E0%A4%A8%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%BE-%E0%A4%96%E0%A4%A4

 

Wednesday, 23 October 2013

इस आम आदमी में कहीं नहीं गांधी का आखिरी आदमी

तानाशाही और फासीवाद का रास्ता यहीं से शुरू होता है मिस्टर आप
सत्ता की अंधी गली के अलावा कुछ नहीं हो सकती विचारधारा और सिद्धान्त विहीन राजनीति की मंजिल 
‘आप के नेता कांग्रेस के मौसेरे, भाजपा के चचेरे और कॉरपोरेट के सगे भाई हैं’
Read More....

इस आम आदमी में कहीं नहीं गांधी का आखिरी आदमी