EVERYDAY AGNIPRIKSHA OF UP MADRASAAS TO PROVE PATRIOTISM: HINDUTVA ATTACK MUST BE FACED INNOVATIVELY: According to the documents of the British military archives, in Delhi itself the British army after capturing the city in September 1857 hanged more than 3000 teachers and students of madrasaas...
According to the contemporary documents of the British military archives, in Delhi itself the British army after capturing the city in September 1857 hanged more than 3000 teachers and students of madrasaas. Muslims were not allowed entry into the city till 1859. http://www.hastakshep.com/englishopinion/everyday-agnipriksha-of-up-madrasaas-to-prove-patriotism-hindutva-attack--15018
Friday 18 August 2017
Monday 10 July 2017
आखिरकार दार्जिलिंग को कश्मीर बनाने पर तुले क्यों है देश चलाने वाले लोग?
: #चीन से निबटने के लिए #सेना और #सरकार दोनों तैयार हैं। यह कैसी तैयारी है कि #सिक्किम का मुख्यमंत्री पूछने लगे हैं कि क्या #भारत में सिक्किम का विलय चीन और बंगाल के बीच सैंडविच बनने के लिए हुआ है?
पवन चामलिंग के इस बयान का मौजूदा हालात के मुताबिक बहुत खतरनाक मतलब है क्योंकि चीन ने सिक्किम को भी #कश्मीर बना देने की धमकी दी है। .....Read More
पवन चामलिंग के इस बयान का मौजूदा हालात के मुताबिक बहुत खतरनाक मतलब है क्योंकि चीन ने सिक्किम को भी #कश्मीर बना देने की धमकी दी है। .....Read More
आखिरकार दार्जिलिंग को कश्मीर बनाने पर तुले क्यों है देश चलाने वाले लोग?
Monday 3 July 2017
वे मुसोलिनी के दीवाने थे. हिटलर उनकी धड़कनों का राजा था. उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था.
वे मुसोलिनी के दीवाने थे. हिटलर उनकी धड़कनों का राजा था. उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था.: उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था. उनके सामने सवाल एक व्यक्ति का नहीं एक विचारधारा का था. उन्हें भारत की मेलजोल की संस्कृति से नफ़रत थी. उन्हें गंगा जमनी हिन्दुस्तानी तहजीब से नफ़रत थी.........Read moreon
वे मुसोलिनी के दीवाने थे. हिटलर उनकी धड़कनों का राजा था. उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था.
वे मुसोलिनी के दीवाने थे. हिटलर उनकी धड़कनों का राजा था. उन्हें तो गांधीजी को मारना ही था.
Thursday 29 June 2017
एक जैसी नहीं हैं जुनैद और अय्यूब पंडित की हत्याएं : भीड़ को हत्यारी बनाने में मोदी का योगदान
जो लोग मुसलमानों की हत्या को ‘भीड़’ द्वारा अंजाम दिया जाना बता रहे हैं वो या तो नासमझ हैं या हत्यारों की शिनाख्त छुपाने के लिए जानबूझ कर ऐसा कह रहे हैं। यह ‘भीड़’ नहीं है। यह 2014 के बाद का ‘भारतीय राज्य’ है, जो अपनी पूरी शासनिक, प्रशासनिक और वैधानिक शक्ति और वैधता के साथ मुसलमान को पीट-पीट कर मार रहा है। Read More ....एक जैसी नहीं हैं जुनैद और अय्यूब पंडित की हत्याएं : भीड़ को हत्यारी बनाने में मोदी का योगदान
Wednesday 28 June 2017
#notinmyname हिन्दुत्ववादी आतंक के खिलाफ इंसानियत बचाने देश भर में सड़कों पर निकले लोग
#notinmyname हिन्दुत्ववादी आतंक के खिलाफ इंसानियत बचाने देश भर में सड़कों पर निकले लोग: #notinmyname ना शहर,ना धर्म,ना, राजनीति, ना संगठन.... फिर भी सब जगह सब एक साथ निकले, जैसे हमारे मुल्क़ की आत्मा आज सड़क पर हो... फ़िक्र मोहब्बत को बचाए रखने की, संवेदना हर एक दर्द के लिए। Read More #notinmyname हिन्दुत्ववादी आतंक के खिलाफ इंसानियत बचाने देश भर में सड़कों पर निकले लोग:
Tuesday 20 June 2017
संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति
संविधान नहीं नवउदारवाद का अभिरक्षक राष्ट्रपति: राष्ट्रपति का चुनाव भी उसी अंधी दौड़ की भेंट चढ़ चुका है। राष्ट्रपति संविधान का अभिरक्षक कहलाता है, लेकिन पूरी चर्चा में वह नवउदारवाद के अभिरक्षक के रूप में सामने आ रहा है।....सीधे समाजवादी नाम वाली समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह की भूमिका को देख कर लगता नहीं कि जिस लोहिया को वे मायावती के अंबेडकर की काट में इस्तेमाल करते हैं, उस महान समाजवादी चिंतक की एक पंक्ति भी उन्होंने पढ़ी है। .... पढ़ें व अपना मत दें..... http://www.hastakshep.com/hindiopinion/president-custodian-of-neo-liberalism-not-constitution-14457
RSS को सरकारी सुविधाओं पर नफरत के बीज बोने की इजाजत क्यों दी जानी चाहिये: मायावती
RSS को सरकारी सुविधाओं पर नफरत के बीज बोने की इजाजत क्यों दी जानी चाहिये: मायावती: पेट भरे लोगों पर ही मोदी सरकार का ध्यान.... योग जैसे कार्यक्रमों में धन और समय खर्च करना सरकार का काम नहीं : मायावती
.......Read More on RSS को सरकारी सुविधाओं पर नफरत के बीज बोने की इजाजत क्यों दी जानी चाहिये: मायावती:
Thursday 15 June 2017
एक आदिवासी की हत्या पर प्रशासन का जश्न और मीडिया का मोतियाबिन्द
एक आदिवासी की हत्या पर प्रशासन का जश्न और मीडिया का मोतियाबिन्द: एक आदिवासी की हत्या का प्रशासनिक जश्न व विरोध की खबरें स्थानीय मीडिया में कैद
मुठभेड़ में मारे गए क्या सच में दुर्दांत माओवादी थे?
एक ग्रामीण आदिवासी की हत्या का जश्न क्यों और कब तक?....... Read more ... एक आदिवासी की हत्या पर प्रशासन का जश्न और मीडिया का मोतियाबिन्द
Wednesday 12 April 2017
जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी
जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी: जब अमेरिका डरता है, किसी भी घर की शांति गुम हो जाती है. जब अमेरिका डरता है, अँधेरे में बहती हवा संदिग्ध बन जाती है.
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जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी:
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जब अमेरिका डरता है तो शुरू होती है विचारों पर निगरानी:
दरोगाजी ने नाम पूछा, फिर बोले साले मुसलमान हैं, कटुआ हैं, साले गाय काटते हैं, मारो सालों को
दरोगाजी ने नाम पूछा, फिर बोले साले मुसलमान हैं, कटुआ हैं, साले गाय काटते हैं, मारो सालों को
योगी के मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश की पुलिस बजरंगदल-हिंदू युवा वाहिनी की तरह व्यवहार करने लगी है। जिससे पुलिस की अपनी विश्वसनियता ही खतरे में पड़ गई है।...
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दरोगाजी ने नाम पूछा, फिर बोले साले मुसलमान हैं, कटुआ हैं, साले गाय काटते हैं, मारो सालों को
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