Friday, 25 October 2013

मुसलमानों पर आतंकी का ठप्पा लगाने वाली खुफिया एजेंसियों के प्रचारक हैं राहुल गांधी- रिहाई मंच

देश व संविधान से ऊपर नहीं राहुल गांधी,जो उन्हें ब्रीफ करें खुफिया एजेंसियां – रिहाई मंच

मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों से आईएसआई के सम्पर्क बताने वाले

राहुल गांधी व खुफिया अधिकारी के इस प्रकरण की जाँच करे एनआईए

राहुल गांधी को नोटिस भेजा रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने


आखिर राहुल गांधी का संवैधानिक अधिकार क्या है और किस अधिकार से खुफिया के बड़े अधिकारी उन्हें ब्रीफ कर रहे हैं, यह बात साफ होनी चाहिए। 

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मुसलमानों पर आतंकी का ठप्पा लगाने वाली खुफिया एजेंसियों के प्रचारक हैं राहुल गांधी- रिहाई मंच

Thursday, 24 October 2013

प्रतिरोध की चेतना के अनूठे रचनाकर्मी, आलोचक-विचारक डॉ० रामविलास शर्मा

डॉ० दया दीक्षित ने रामविलास जी के विपुल लेखन मेंभारतीय संस्कृति और हिन्दी प्रदेश के महत्व को चिन्हित करते हुये कहा कि वह देश के सांस्कृतिक इतिहास का प्रामाणिक दस्तावेज़ है। उन्होंने साम्प्रदायिक मनोवृत्ति के साथ इतिहास को देखने की साम्राज्यवादी दृष्टि की आलोचना की और चेताया। रामविलास जी लोकसंस्कृति के अनिवार्य अंग के रूप में उसे श्रम की संस्कृति से जोड़ते हैं। डॉ० दया ने रामविलास जी के अभिन्न मित्र प्रख्यात साहित्यकार अमृतलाल नागर के संस्मरणों के ज़रिये कई हृदयस्पर्शी प्रसंगों का उल्लेख किया।
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http://www.hastakshep.com/hindi-news/literary-activities/2013/10/24/प्रतिरोध-की-चेतना-के-अनूठ

प्रतिरोध की चेतना के अनूठे रचनाकर्मी, आलोचक-विचारक डॉ० रामविलास शर्मा

Wednesday, 23 October 2013

पीड़ितों को हत्यारों और बलात्कारियों के बीच जाने को मजबूर कर रही सपा सरकार- रिहाई मंच

 सरकार को यह बताना चाहिए कि वह कितने पैसे अब तक मदरसा संचालकों को पीड़ित लोगों पर खर्च करने के लिये दे चुकी है। उसे इस मामले पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। ..... सरकार सुप्रीम कोर्ट में तथा देश की जनता के सामने अपनी फजीहत से बचने के लिये मदरसों पर आरोप लगा रही है। - असद हयात
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पीड़ितों को हत्यारों और बलात्कारियों के बीच जाने को मजबूर कर रही सपा सरकार- रिहाई मंच

इस आम आदमी में कहीं नहीं गांधी का आखिरी आदमी

तानाशाही और फासीवाद का रास्ता यहीं से शुरू होता है मिस्टर आप
सत्ता की अंधी गली के अलावा कुछ नहीं हो सकती विचारधारा और सिद्धान्त विहीन राजनीति की मंजिल 
‘आप के नेता कांग्रेस के मौसेरे, भाजपा के चचेरे और कॉरपोरेट के सगे भाई हैं’
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इस आम आदमी में कहीं नहीं गांधी का आखिरी आदमी

कविता भोलेपन और मासूमियत की रक्षा के लिये तैयार एक समझदार प्रयास

किसी अच्छी कविता का इस्तेमाल कोई आंदोलन करना चाहे तो कर ले लेकिन कोई कवि कविता का उपयोग सोचकर तब तक माँग के आधार पर अच्छी कविता नहीं लिख सकता जब तक कि वह जीवन में भी उसके साथ न जुड़ा हो। इसलिये कविता को उपयोगितावादी नज़रिये से देखना उचित नहीं है।...

कविता भोलेपन और मासूमियत की रक्षा के लिये तैयार एक समझदार प्रयास

आदिवासी और सामाजिक न्याय विरोधी है मोदी की राजनीति

अखिलेन्द्र ने कहा कि जिस मोदी के गुजरात माडल का देश में माहौल बनाया जा रहा है उसका मतलब कारपोरेट परस्त राज का है जिसमें किसानों और मजदूरों की बर्बादी ही होगी। मोदी की राजनीति आदिवासी और सामाजिक न्याय विरोधी भी है उनके गुजरात में एक लाख से भी ज्यादा वनाधिकार के दावे गैरकानूनी ढंग से निरस्त कर दिए गए और आदिवासी इलाके में देश में सबसे ज्यादा कुपोषण गुजरात में है, इसलिए

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आदिवासी और सामाजिक न्याय विरोधी है मोदी की राजनीति

Tuesday, 22 October 2013

सांप्रदायिक दंगे और भाजपा का कुतर्क

 दुर्भाग्यवश, जिन्ना धनी और जमींदार वर्ग के मुसलमानों को यह समझाने में सफल रहे कि अखण्ड भारत में उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, उसी तरह, हिन्दुत्व की विचारधारा के अनुयायी, उच्च वर्ग व उच्च जातियों के हिन्दुओं के एक तबके को यह विश्वास दिलाने में सफल हो गये कि उनके हित, मुसलमानों के हितों के विरोधाभासी हैं.... Read More

http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/views/2013/10/21/सांप्रदायिक-दंगे-और-भाजप

Friday, 26 July 2013

कानून नहीं एड्स की बीमारी है हरिजन एक्ट- अमित जानी

कानून नहीं एड्स की बीमारी है हरिजन एक्ट- अमित जानी

 लखनऊ 26 जुलाई। समाजवादी पार्टी की सरपरस्ती में बढ़ रहे यूपी के राज ठाकरे, उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने घोषणा की है कि हरिजन एक्ट कानून नहीं एड्स की बीमारी है, जिसको सरकारें दलित वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिये नुकीले हंटर की तरह सवर्णों, पिछडों व मुसलमानों की पीठ पर चलाती हैं। जानी ने ऐलान किया कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जातिगत रैलियों पर रोक लगायी है, हम इस जातिगत काले कानून को उखाड़ फेंकेंगे,
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http://www.hastakshep.com/hindi-news/from-states/uttar-pradesh/2013/07/26/कानून-नहीं-एड्स-की-बीमारी 

Monday, 22 July 2013

बहती हुयी मैदानों तलक पहुँचने लगी है हिमालय की सुनामी

मेघ बरसे मूसलाधार और बरस गये सोनिया के द्वार।

सोनिया आंगन में बरसात और हिमालयी आपदा का तौल बराबर!

 हिमालय न राजनीति का मसला है न अर्थशास्त्र का और न ही पर्यावरण का।

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 http://www.hastakshep.com/intervention-hastakshep/khabarnama/2013/07/22/हिमालय-न-राजनीति-का-मसला-ह

गुजरात का सांप्रदायिक और एनकाउंटर कल्चर का मॉडल देश में नहीं चल सकता


खालिद मुजाहिद की तरह निमेष कमीशन रिपोर्ट का भी कत्ल करना चाहती है सपा सरकार- दीपांकर भट्टाचार्या


इस राजव्यवस्था ने केवल तीन चीजें ही जनता को दी हैं

काले कानून, फर्जी मुठभेड़ तथा फर्जी मुकदमे

आने वाली पीढ़ी लोकतंत्र को बचाने वाली इस लड़ाई को एक नजीर की

 तरह पेश करेगी